Saturday, July 12, 2014

भीमकाली मंदिर सराहन:



भीमकाली मंदिर सराहन 7,500 फीट पर शिमला से 180 किमी पर स्थित है. ऐसा कहा जाता है कि भीमकाली मंदिर सराहन 3000 साल पहले बनाया गया था. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह हिन्दुओ के प्रसिद शक्तिपीठों में से एक है जो की शक्ति-देवी माँ के लिए समर्पित हैं.  मां भीमकाली मंदिर परिसर में लंकरा वीर का एक प्राचीन मंदिर भी है.  इस मंदिर के पास एक  भूमिगत मार्ग है जो मंदिर के पुजारी की सुरक्षा के लिए बनाया गया था और पूजारी   इसी गुप्त मार्ग  से प्रतिदिनपूजा के लिए आते थे जिसे अब बंद कर दिया गया है. 

तथाकथित शोणितपुर, आज सराहन के रूप में जाना जाता है. पौराणिक युग के दौरान इस रियासत का  शासक बाणासुर था, जो भगवान शिव का प्रबल भक्त, महान दानी दानव राजा बाली के एक सौ पुत्रों में सबसे बड़ा और विष्णु भक्त प्रहलाद के परपोता था. बाणासुर  की उषा नाम की एक बेटी थी. एक दिन उसने  सपने में एक सुँदर युवक अनिरुध क़ो देखा।  उषा ने अपने  इस सपने के बारे में अपनी सेहली चित्रलेखा क़ो बताया। चित्रलेखा ने अनिरुद्ध का चित्र बनाया और  उसने अपनी  दैव्यै शक्ति का उपयोग करते हुए अनिरुद्ध को द्वारका से शोणितपुर उषा की महल में लाया.
जब भगवन कृष्ण को अपने पोते अनिरुध के  अपहरण का पता चला तो वे बलराम और प्रधुम्न  के साथ विशाल सेना लेकर शोणितपुर पर चढाई करने निकले।  एक भयानक युद्  हुआ इस युद  मैं  भगवान शिव ने बाणासुर का साथ दिया परन्तु बाद में भगवान कृष्णा नें भगवन शिव भक्त बाणासुर को क्षमा कर दिया और वाहं का राज्य आपने पुत्र प्रधुम्न को सोंप दिया।






PC: Dr Lalit Mohan


2 comments:

Sushil Kumar said...

Dr. Sahab good information

Dr Lalit Mohan said...

Thank you so much sir, try try nd try again nd keep trying .....................